Pages

Friday, January 17, 2014

Shri Paramhans Dayal Dada Guru Dev ji Shri Shri 1008 Aduaitanand Ji Maharaj

"श्री परमहंस दयाल  जी सहाय "  "श्री सद्गुरुदेवाय नमः"
"जय सच्चिदानन्द जी"
मेरे साहिब ! मेरे साहिब !
तू मेरा में  तेरी , तू मेरा में  तेरी
त्रिलोकी  दा मालिक प्रीतम कहंदे नंगलीवाला !
नजर मिला सकदा न कोई ऐसा तेज निराला !!
वाणी इसदी मीठी लागे एहो बक्शनहारा !
दीन - दुःखी जो वी  आया शरणागत ऐहनु प्यारा !!
अमृत वेले अमृत वगदा भर-भर पीलो प्याला !
दर्शन एह्दा ठंड  बरसावे पावे कर्मा वाला !!
कुदरत वि हथ जोड़ खड़ी है तकदी एदे इशारे !
जन्नत वि जद दर्शन पाया बोल बोल जय-जयकारे !!
धन्य हुई है नंगली प्यारी पाके प्रीतम प्यारा !
मान करे नंगली दा कण-कण बन गया नंगलीद्वारा !!

No comments:

Post a Comment